हवा में ये कैसा जादू है छाया,
चारो तरफ प्यार ही प्यार समाया।।
कुछ तुमने कहाँ,
कुछ हमने सुना,
ना जाने कब,कैसे,हे सनम।
तुमने जो ना कहा ,
वो हमने समझलिया।।
हवा में ये कैसा जादू है छाया,
चारो तरफ है एक ही साया।।
दूर थी राहे,
पास थी धड़कने,
ना जाने कब,कैसे, हे सनम।
तुम बने हम,
हम बन गए तुम।।
हवा में ये कैसा जादू है छाया,
चारो तरफ हमें हमारा प्यार नज़र आया।।