Thursday, March 06, 2014

मम्मी-पापा की परी हुँ मैं।


मम्मी-पापा की परी हुँ मैं।
छैन छबीली नखराली हुँ मैं।
लाड़ प्यार में पली बड़ी ,
उनका घमंड हुँ मैं।।

हाथ पकड़कर जो चलना सीखाया। 
आज उनकी मुस्कान देख उछलती हुँ मैं। 
लोग कहते,एक लोति हुँ। 
बिगड़ी नहीं, पर दिलवाली हुँ मैं।।

मम्मी-पापा का लाडला,
एक लौता अभिमान हुँ मैं। 
छूना है आसमां,
पर उनकी गोद में रहती हुँ मैं।।

मेरा कल आज कल है वो,
उनकी सब कुछ हुँ मैं।
बेटा - बेटा सब कहते है। 
उनकी बेटा - बेटी हुँ मैं।।

आज लिखा है खुलकर मैंने,
वो दुआ में मेरे बस्ते, 
उनकी दुआ में बस्ती हुँ मैं।।

शुक्रिया उन्हें,
जिन्होंने जन्म दिया है मुझे। 
अपनी असली दौलत,
असली परछाई माना है मुझे।।

कल तक थामा था उन्होंने मुझे,
आज से थामुंगी मैं उन्हें।।
मम्मी-पापा की परी हुँ मैं।
उनकी पूरी दुनिया हुँ मैं।
बेटी नहीं उनकी बेटा - बेटी हुँ मैं।।

I Love you Mumma-Papa..!!
Thank you for this Life..!!