Monday, October 17, 2016

माँ


दिन में सूरज की रौशनी हो तुम। 
रात में शीतल छाया हो तुम। 
हर गाने का मीठा स्वर हो तुम। 
जीवन में मजबूत पीपल हो तुम।।
 मुसीबत में मेरी आँखें हो तुम। 
ख़ुशी में मेरी मुस्कुराहट हो तुम। 
मेरे सपनो की बीज़ हो तुम। 
मेरी ज़िन्दगी की पहली अच्छी नींव हो तुम।।
इस ज़िन्दगी को जीना सीखाया तुमने। 
बिना लड़े, सही राहे दिखाई तुमने। 
कैसे पिरोयु मैं शब्द अपने,
अनगिनत कुर्बानियां दी है तुमने।।
परिवार का मजबूत धागा हो तुम। 
भगवान का सबसे बड़ा उपहार हो तुम। 
मेरी सबसे प्यारी दोस्त हो तुम। 
"माँ" मेरा दिल, मेरी जान, मेरा पहला प्यार हो तुम।।

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