Monday, July 29, 2013

Happy 25th Birthday Chiku :)



बचपन की वो यारी,
देख चुकी है दुनिया सारी। 
बचपन के वो पल,
याद आये हरपल।
बचपन कि वो बातें,
दे जाए प्यारी मुस्काने,
पर जब भी खुली इन यादों की खोली,
दे ना सकी मैं बचपन के अपने इस दोस्त की बोली ।। 

ये कैसा तोफा है जो रब्ब ने मुझे है दिया,
आज २५  साल लगे केवल २५ गिनतियाँ।।
साल हर साल मैं उसे कुछ दे ना सकी,
कुछ बोल ना सकी,
बस यही दुआ कर सकी  की ,
हर साल,
इसी ख़ुशी से आये, 
इससे बड़ी ख़ुशी से रहे ,
मेरे इस बचपन के दोस्त का हर स्पेशल जन्मदिन  .. !!

Chiku loads of happiness & love!!
Hope you'll like my lil' rough effort for making your day lil' special..

:)
29th July 2013




Sunday, July 28, 2013

कब तक ...

Behind Closed Doors

कब तक यूँ सहेंगे,
कब तक चुप बैठेंगे,
कब निकलेगी वो आवाज़ बुलंद,
कब बढेंगे वो सारे मजबूत कदम
हँसेगी खुलके ये धरती तब,
जब मरेंगे वो दरिन्दे सब,
तब रुकेंगी सारी साँसे,
जब,
माँ शक्ति बनेगी हमारी सीता सब। 


Saturday, July 27, 2013

पैसा...

पैसा।पैसा।पैसा। 
ये कैसा नशा है तेरा। 

अमीरों का पैसा,गरीबो का पैसा। 
व्यापारी का पैसा,बेरोज़गारी का पैसा। 
ईमानदारी का पैसा,भ्रष्टाचारी का पैसा। 
उजाले को अंधकार बना रहा है तेरा ये नशा। 

पैसा।पैसा।पैसा। 
ये कैसा नशा है तेरा।

भाई को भाई से लडवा रहा है पैसा,
पति को पत्नी से मिलवा रहा है पैसा,
बच्चे के जन्म का जशन करवा रहा है पैसा ,
शमशान में मृतक को अग्नि दिलवा रहा है पैसा,
मंदिरों में पुजारियों को धर्म से भटका रहा है पैसा,
ईश्वर से मिलने की टिकेट दिलवा रहा है पैसा,
अच्छे भले इंसान को हैवान बना रहा है पैसा ये तेरा नशा। 

खाने को रोटी नहीं,
पीने को पानी नहीं,
जीने की हवा नहीं,
रहने की जगह नहीं,
पैसा। ये कैसा खेल तूने है खेला?
भगवान की धरती,
भगवान के ही लोग,
पर सब पर चड़ा दिया तूने क्यों अपने पैसो का नशा।

#Quote : Today people respect the money not the person. #BitterTruth 

Friday, July 26, 2013

१०० दिन की है ज़िन्दगी...



१०० दिन की है ज़िन्दगी,
२ पल का है चैन,
छोटी सी है ज़िन्दगी,
छोटा सा है चैन। 
पल पल आजमाती है ये ज़िन्दगी,
तड़पता है वो चैन,
जितनी छोटी है ये ज़िन्दगी,
उतना छोटा है वो चैन।।

गिरके संभलना,
संभलके उठना,
उठके चलना भी सिखाती है ये ज़िन्दगी। 
इसलिए,
उठो।
हस्सों।
हँसके जी लो,
जीके हस लो,
क्योंकि,
खुश हो जाएगी ये ज़िन्दगी,
कम हो जायेगा वो pain. 
१०० दिन की है ज़िन्दगी,
लेकिन बढ़ जाएगा वो छोटा सा ज़िन्दगी का चैन।।

Thursday, July 25, 2013

पल ...

 आँसुओं में बहते है,
वो खट्टे मीठे यादों के पल,
हस्सी में खिल खिलाते है,
वो भोले भाले लम्हों के पल।
किधर चले,
वो किधर छुपे,
हर पल के,
यादों के,
बातों के,
प्यारे प्यारे से सारे अपने पल।
आजाओ ये दिल पुकारे,
बुझते दीपक फिर जलाले,
उजड़े रिश्ते फिर बसाले,
पुरे करले ये,
अधूरे अधूरे से,
अपने अपने से,
प्यारे प्यारे से वो सारे खट्टे मीठे पल।


Wednesday, July 24, 2013

फिर क्यों अपनों ने...


कुछ पाया है,
कुछ खोया है,
दुनिया के इस खेल को,
हस्ते हस्ते खेला है,
ना जीत की थी फिकर,
ना हार की,
फिर क्यों अपनों ने अपनों को ही खोया है। 


सूरज की रौशनी ने,
चँद्रमा की चाँदनी ने,
साथ निभाना सिखाया है हमें।
तेज से चम्मकना,
धीरे से ढलना,
भी सिखाया है हमें।
फिर क्यों कल की चाहत ने,
इस कदर डुबाया है हमें,
फिर क्यों सब कुछ पाके भी,
सब कुछ खो दिया है हमने।। 


फिर कैसे करे प्रयास,
फिर कैसे सुनाये अपनी ये पुकार,
संसार में मच गया ये अपनों का कैसा भयानक महाकाल। 

Tuesday, July 23, 2013

अनोखी मुलाकात ...

तुझसे मिलना एक बहाना था,
तुझ संग चलना एक इशारा था,
ना जाने तू कहाँ से आया था,
ना जाने मुझे कहाँ तक जाना था। 

नादान थे हम,
कितने बेजान थे हम,
सच्चे प्यार से अनजान थे हम,
तब जाके कहीं मिले हम,
तब जाके संग खिले हम,
तब जाके एक एहसास हुआ,
तब जाके ये विश्वास हुआ,
जब रब्ब का सामना मेरा तुझसे मिलने के ही बाद हुआ। 

तब जाके ये दिल ने कहाँ,
तब जाके मैंने ये समझा ,
तुझसे मिलना सच्च  में एक बहाना था,
तुझ संग चलना सच में एक इशारा था,
क्योंकि रब्ब को ही हमारी ये अनोखी मुलाकात जो कराना  था।

Monday, July 22, 2013

बहुत याद आयेंगे ये दिन...

बहुत याद आयेंगे ये दिन,
जब बिछड़ जायेंगे सारे यार एक दिन।
बदल जायेंगी सबकी राहे तब,
इधर उधर चले जायेंगे सारे यार जब।।
अलविदा कहकर करके वादे,
छोड़ जायेंगे अपनी कुछ धुंधली यादें।।
नम्म हो जाएँगी ये मासूम आँखें,
गुम्म हो जाएँगी ये भोली मुस्काने,
जब याद आयेंगी इन यारों की सारी बातें।।

बहुत याद आयेंगे ये दिन,
जब बिछड़ जायेंगे सारे यार एक दिन।



Sunday, July 21, 2013

चंदा की टोकरी ...

चंदा की टोकरी ,
तारों की झोली ,
फिर ले आई ये रात सलोनी। 
पंछी , कबूतर ,
नदी , समुन्दर,
सब मिल गाते ,
ये रात है कितनी सलोनी। 

बच्चे सो जाते है माँ की खोली ,
जब लोरी गाती है परियों की टोली। 
दिलवाले खेलते है दिलो की होली ,
तब कितनी मीठी लगती है ,
नानी माँ की शक्कर की गोली। 
फिर आ गयी ये रात सलोनी,
ले आई इससे ,
प्यारी चंदा की टोकरी ,
सुहानी तारों की झोली।