Friday, October 23, 2015

बगिया के कुछ शायराना रंग - (1)

" सुना था ज़िन्दगी हसीन होती है,
सच्चे दिल की दुआ क़ुबूल होती है,
तुम उसके होते हो और वो तुम्हारा,
पर काश कोई ये समझा देता की ,
ज़िन्दगी दिखने में हसीन और जीने में कठिन होती है।। "


" क्यों आये तेरी याद,
क्यों तड़पाये मुझे दिन और रात,
वो पहली नज़र,
वो पहली बात,
कर गयी मुझे घायल,
तेरी वो पहली मुलाक़ात ।। "


" जाने क्यों लोग हमें आज़माते है,
कुछ पल साथ रहने के बाद दूर चले जाते है,
सच ही कहते है लोग,
की सागर के मिलने के बाद लोग,
 बारिश को भूल जाते है।। "


" शीशे में तेरी सूरत ढूंढ़ते रह गए,
उसके टुकड़ो के साथ,
आँखों से सारे आंसू बेह गए,
खड़े थे हम राह में वो टुकड़े लिये,
तुम आओगे,
प्यार से मुस्कराओगे,
ये सोचकर हम तुम्हारा रास्ता ताकते रेह गये।। "


" उड़ती थी,
थिरकती थी मैं,
ना जाने कहाँ फिरती थी मैं,
उसके साए की तलाश में,
अनजाने राहो पे भटकती थी मैं,
गम्मो को अपनाकर,
बिलक बिलक के रोती थी मैं,
अरे, कोई तोह उससे जाकर समझाओ ,
कितनी अकेली हो गई हु मैं।। "


 " ये गम ये आँसू कभी कम ना होंगे,
ये उदासी के बादल हरदम ना होंगे,
बिता लिया करो कुछ लम्हे हमारी याद में,
फिर क्या याद करोगे जब हम ना होंगे।। "


" आँसुओ को ऐसे बहाया मत किया कर,
वक़्त खुदा का झाया मत किया कर,
मिलते है कई लोग ज़िन्दगी में ,
उनको याद करके दिल दुखाया ना कर।। "


" ख्यालों में कभी आया ना कर ,
ख्याल गुम हो जाते है ,
ज़िंदगी में दिल लगाया ना कर ,
दिल टूट जाते है। "


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