Saturday, May 25, 2013

पंछी बन जाऊ मैं भी इस दुनिया की..

पंछी बन जाऊ मैं भी इस दुनिया की,
उड़ जाऊ खुले आसमान में कहीं,
ना रूकू फिर,
ना थम्मु फिर,
घुल जाऊ प्यार के बादलों में कहीं।।


पंछी बन जाऊ मैं भी इस दुनिया की,
घुल जाऊ प्यार के आसमान में कहीं,
कोई तो रंग दो, 
रंग दो ऐसे मुझे,
गगन का हिस्सा नहीं,
दिल की तस्वीर बनना है मुझे।।

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