Thursday, July 25, 2013

पल ...

 आँसुओं में बहते है,
वो खट्टे मीठे यादों के पल,
हस्सी में खिल खिलाते है,
वो भोले भाले लम्हों के पल।
किधर चले,
वो किधर छुपे,
हर पल के,
यादों के,
बातों के,
प्यारे प्यारे से सारे अपने पल।
आजाओ ये दिल पुकारे,
बुझते दीपक फिर जलाले,
उजड़े रिश्ते फिर बसाले,
पुरे करले ये,
अधूरे अधूरे से,
अपने अपने से,
प्यारे प्यारे से वो सारे खट्टे मीठे पल।


Wednesday, July 24, 2013

फिर क्यों अपनों ने...


कुछ पाया है,
कुछ खोया है,
दुनिया के इस खेल को,
हस्ते हस्ते खेला है,
ना जीत की थी फिकर,
ना हार की,
फिर क्यों अपनों ने अपनों को ही खोया है। 


सूरज की रौशनी ने,
चँद्रमा की चाँदनी ने,
साथ निभाना सिखाया है हमें।
तेज से चम्मकना,
धीरे से ढलना,
भी सिखाया है हमें।
फिर क्यों कल की चाहत ने,
इस कदर डुबाया है हमें,
फिर क्यों सब कुछ पाके भी,
सब कुछ खो दिया है हमने।। 


फिर कैसे करे प्रयास,
फिर कैसे सुनाये अपनी ये पुकार,
संसार में मच गया ये अपनों का कैसा भयानक महाकाल। 

Tuesday, July 23, 2013

अनोखी मुलाकात ...

तुझसे मिलना एक बहाना था,
तुझ संग चलना एक इशारा था,
ना जाने तू कहाँ से आया था,
ना जाने मुझे कहाँ तक जाना था। 

नादान थे हम,
कितने बेजान थे हम,
सच्चे प्यार से अनजान थे हम,
तब जाके कहीं मिले हम,
तब जाके संग खिले हम,
तब जाके एक एहसास हुआ,
तब जाके ये विश्वास हुआ,
जब रब्ब का सामना मेरा तुझसे मिलने के ही बाद हुआ। 

तब जाके ये दिल ने कहाँ,
तब जाके मैंने ये समझा ,
तुझसे मिलना सच्च  में एक बहाना था,
तुझ संग चलना सच में एक इशारा था,
क्योंकि रब्ब को ही हमारी ये अनोखी मुलाकात जो कराना  था।

Monday, July 22, 2013

बहुत याद आयेंगे ये दिन...

बहुत याद आयेंगे ये दिन,
जब बिछड़ जायेंगे सारे यार एक दिन।
बदल जायेंगी सबकी राहे तब,
इधर उधर चले जायेंगे सारे यार जब।।
अलविदा कहकर करके वादे,
छोड़ जायेंगे अपनी कुछ धुंधली यादें।।
नम्म हो जाएँगी ये मासूम आँखें,
गुम्म हो जाएँगी ये भोली मुस्काने,
जब याद आयेंगी इन यारों की सारी बातें।।

बहुत याद आयेंगे ये दिन,
जब बिछड़ जायेंगे सारे यार एक दिन।



Sunday, July 21, 2013

चंदा की टोकरी ...

चंदा की टोकरी ,
तारों की झोली ,
फिर ले आई ये रात सलोनी। 
पंछी , कबूतर ,
नदी , समुन्दर,
सब मिल गाते ,
ये रात है कितनी सलोनी। 

बच्चे सो जाते है माँ की खोली ,
जब लोरी गाती है परियों की टोली। 
दिलवाले खेलते है दिलो की होली ,
तब कितनी मीठी लगती है ,
नानी माँ की शक्कर की गोली। 
फिर आ गयी ये रात सलोनी,
ले आई इससे ,
प्यारी चंदा की टोकरी ,
सुहानी तारों की झोली। 

Sunday, June 30, 2013

हवा में ये कैसा जादू है छाया..


हवा में ये कैसा जादू है छाया,
चारो तरफ प्यार ही प्यार समाया।।

कुछ तुमने कहाँ,
कुछ हमने सुना,
ना जाने कब,कैसे,हे सनम।
तुमने जो ना कहा ,
वो हमने समझलिया।।

हवा में ये कैसा जादू है छाया,
चारो तरफ है एक ही साया।।

दूर थी राहे,
पास थी धड़कने,
ना जाने कब,कैसे, हे सनम।
तुम बने हम,
हम बन गए तुम।।

हवा में ये कैसा जादू है छाया,
चारो तरफ हमें हमारा प्यार नज़र आया।।