Saturday, July 20, 2013

ना जाने ...


तेरी हर हरकत मुझे हसाती चली गयी,
तेरी हर नफरत मुझे रुलाती चली गयी,
तू था कौन ये एहसास दिलाके चली गयी,
मैं थी कौन ये याद मिटाके चली गयी।
एक हवा थी,
जो हवा के सामान आई और हवा के सामान चली गयी।
ना जाने क्या उड़ाने आई थी,
और ना जाने क्या उड़ाके चली गयी।।

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