Friday, October 23, 2015

बगिया के कुछ शायराना रंग - (4)

"शीशे में तेरी सूरत ढूँढ़ते रह गए,
उसके टुकड़ो के साथ ,
आँखों से सारे आँसू बेह गए ,
खड़े थे हम राह में वो टुकड़े लिये ,
तुम आओगे ,
प्यार से मुस्कराओगे,
ये सोचकर हम तुम्हारा रास्ता ताकते रह गए।।"

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