१०० दिन की है ज़िन्दगी,
२ पल का है चैन,
छोटी सी है ज़िन्दगी,
छोटा सा है चैन।
पल पल आजमाती है ये ज़िन्दगी,
तड़पता है वो चैन,
जितनी छोटी है ये ज़िन्दगी,
उतना छोटा है वो चैन।।
गिरके संभलना,
संभलके उठना,
उठके चलना भी सिखाती है ये ज़िन्दगी।
इसलिए,
उठो।
हस्सों।
हँसके जी लो,
जीके हस लो,
क्योंकि,
खुश हो जाएगी ये ज़िन्दगी,
कम हो जायेगा वो pain.
१०० दिन की है ज़िन्दगी,
लेकिन बढ़ जाएगा वो छोटा सा ज़िन्दगी का चैन।।
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